Fichier de travail (INPUT) : ../DUMP-TEXT/dumputf8_hindi/utf848.txt
Encodage utilisé (INPUT) : UTF-8
Forme recherchée : (աթեիստ*|\bath?eis\b|athée|नास्तिक|атеи)
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- Ligne n°28 : चार्वाक एक प्रसिद्ध अनीश्वरवादी और नास्तिक विद्वान। बार्हस्पत्य।
Ligne n°29 : (चार्वाक दर्शन के रचियता) .उक्त विद्वान द्वारा चलाया हुआ मत या दर्शन ...- Ligne n°34 : जो ईश्वर को माने वह आस्तिक तथा जो ईश्वर को न माने वह नास्तिक। इसी अर्थ
Ligne n°35 : के आधार पर उन्होंने भारत के दर्शन–सम्प्रदायों का भी विभाजन कर रखा है। ...
Ligne n°36 : ... इनके हिसाब से सांख्य–योग, न्याय–वैशेषिक तथा मीमांसा–वेदान्त तो आस्तिक- Ligne n°37 : सम्प्रदाय हैं जबकि जैन–बौद्ध और चार्वाक नास्तिक सम्प्रदाय हैं। इसमें
Ligne n°38 : मजेदार बात यह है कि भारत के प्राचीनतम दार्शनिक सम्प्रदाय सांख्य ...- Ligne n°53 : भारत की बौद्धिक परंपरा में सिर्फ चार्वाक को ही नास्तिक दर्शन माना गया
Ligne n°54 : है और इसके अलावा शेष सभी दर्शन आस्तिक दर्शन ही हैं। क्यों? इसलिए कि ...
Ligne n°54 : ... है और इसके अलावा शेष सभी दर्शन आस्तिक दर्शन ही हैं। क्यों? इसलिए कि- Ligne n°55 : हमारे देश में नास्तिक सिर्फ उसे माना गया है जो पश्चिम की परिभाषा वाले
Ligne n°56 : धर्म या ईश्वर का नहीं, बल्कि वेद का निंदक या विरोधी माना गया है – ...
Ligne n°56 : ... धर्म या ईश्वर का नहीं, बल्कि वेद का निंदक या विरोधी माना गया है –- Ligne n°57 : ‘नास्तिको वेदनिन्दक:’, अर्थात जो वेद की निन्दा करे वह नास्तिक है।
- Ligne n°57 : ‘नास्तिको वेदनिन्दक:’, अर्थात जो वेद की निन्दा करे वह नास्तिक है।
Ligne n°58 : चार्वाक के अलावा किसी ने भी, सांख्य से लेकर बौद्ध, जैन, योग, न्याय, ...
Ligne n°62 : ... की। इसलिए, आज खुद को भारतीय परंपरा का उत्तराधिकारी मानने वाले विद्वान- Ligne n°63 : अगर दर्शन सम्प्रदायों को नास्तिक–आस्तिक के वर्ग में रखते हैं और बौद्ध,
Ligne n°64 : जैन आदि को नास्तिक सम्प्रदाय मानने का वैचारिक अपराध करते हैं तो वे यह ...
Ligne n°63 : ... अगर दर्शन सम्प्रदायों को नास्तिक–आस्तिक के वर्ग में रखते हैं और बौद्ध,- Ligne n°64 : जैन आदि को नास्तिक सम्प्रदाय मानने का वैचारिक अपराध करते हैं तो वे यह
Ligne n°65 : अपराध आज के महाब्राह्मणों के असर के कारण ही अज्ञानवश कर रहे हैं। ...
Ligne n°72 : ... चापलूसों और राक्षसों की बकवास तक कह दिया, इसलिए चार्वाक मुनि रेखांकित- Ligne n°73 : हो गए और नास्तिक मान लिए गए। पर उन्हें पूरे भारत में कोई ठोस परंपरा
Ligne n°74 : नहीं मिली, बेशक परंपरा ने उन्हें विचारकों की श्रेणी में जगह जरूर दे दी। ...